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The best Hindi story of the Became god || बन गया देवता

 The best Hindi story of the Became god || बन गया देवता

The best Hindi story of the Became god || बन गया देवता


बन गया देवता

 

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असीरिया की दजला घाटी में बसंत का मौसम आ गया। जंगल इंद्रधनुषी फूलों से सज गया था। हवा में भीनी-भीनी सुगंध से महकने लगी थी।

फूलों की परी थी इकन्ना, उसकी सखियों ने कहा- हम लोग दजला की घाटी में जा रही हैं। वहाँ बसंत मनायेंगे।

The best Hindi story of the Became god || बन गया देवता

इकन्न परी ने कहा, हाँ, हमें वहाँ जरूर जाना चाहिए। इस समय असुरराज गिल्मेशा के अत्याचार बहुत बढ़े हुए हैं। असीरियी की जनता अपने जीवन से निराश हो चुकी है। उनके लिए तो वसंत का मौसम भी पतझड़ जैसा ही है। लेकिन क्या यह समय उत्सव मनाने का है?”

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एक परी ने कहा, हमने सुना है, तुम्हारे पास जादू के पाँच फूल है। अत्याचारी के विरूध्द तुम्हारे फूल हथियार का काम करते हैं।

जादुई फूलों का रहस्य देवदूतों को पता था। उनमें से एक देवदूत धरती पर आया। उसने लोगों से कहा, फूलों की परी है इकन्ना। तुम लोग उसकी शरण में आ जाओ। अगर वह तुम्हारी मदद करे, तो अत्याचारी गल्मेशा का आतंक समाप्त किया जा सकता है।

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भला इकन्ना के फूल हथियारों का सामना कैसे करेंगे?”लोग आपस में कहने लगे।

देवदूत ने कहा, वे साधारण फूलों से अलग है। उन फूलों की शाक्ति के आगे बड़े से बड़े महाबली अत्याचारी भी हार मान जाते हैं।

दुखी जनता ने इकन्ना से प्रार्थना की, देवी, हमें गिल्मेशा के अत्याचारों से बचाओ। गिल्मेशा पर किसी हथियार का असर नहीं पड़ता है।

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एक दिन गिल्मेशा न्याय माँमने वालों को दंड देने के इरादे से चला। इकन्ना ने देखा और सोचा, यही समय है कि इसे सबक सिखाया जाय।

इकन्ना ने गिल्मेशा पर एक फूल फेंका। फूल आंगारों में बदल गया। गिल्मेसा जलने लगा। वह चिल्लाने लगा, मुझे बचाओ। मेरा शरीर जल रहा है। मैं किसी को नहीं सताउँगा। वचन देता हूँ।

The best Hindi story of the Became god || बन गया देवता

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इकन्ना दयालू थी। उसने गिल्मेशा पर दूसरा फूल फेंका तो बरिशा होने लगी। आग बुझ गई। गिल्मेशा की पीड़ी शांत हो गई। इतना पानी बरसा कि गिल्मेशा ठण्ड स थर-थर काँपने लगा। इकन्ना ने तीसरा फूल फेंका, तो गिल्मेशा का कांपना बन्द होगा। ठण्ड जाती रही।

दूर खड़े लोग गिल्मेशा को ध्यान से देख रहे थे। इकन्ना के चौथे फूल से गिल्मेशा से सामने शहद की प्यालियाँ प्रकट हो गई। उसने शहद पिया, तो उसकी भूख-प्यास मिट गई। वह रोने लगा।

The best Hindi story of the Became god || बन गया देवता

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राजा, तुम रो क्यों रहे हो। तुम तो तलवार से भी नहीं डरते, फिर फूलों से क्यों घबराते हो?” एक आदमी ने पूछा।

इकन्ना देवी ने मुझे तलवार से नहीं, अपनी करूणा से वश में कर लिया है, मैं अपने किय पर शर्मिन्दा हूँ। मैंने जनता को बहुत कष्ट पहुँचाये है।

उस दिन से गिल्मेशा बिल्कुल ही बदल गया। लोग उसके अत्याचारों को भूल गए क्योंकि अब वह एक न्यायप्रिय और उदार राजा बन गया था।

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गिल्मेशा में आए इस परिवर्तन को देख, देवी इकन्ना ने उस पर पांचवाँ फूल फेंका। जैसे ही फूल ने गिल्मेशा को स्पर्श किया। वह मनुष्य से देवता में बदल गया। फूलों से रथ पर बैठाकर इकन्ना उसे आकाश में ले गई।

कहते हैं, जब बसंत आता है तो इकन्ना और गिल्मेशा धरती पर आते हैं। और फूल खिलाते है।

क्या आप जानते हो, इस चमत्कारी पेड़ के बारे मे।

यह जो आपको बड़ा सा पेड़ दिख रहा है इसके कुछ चमत्कारी गुण के कारण इसको ट्री ऑफ लाइफ कहा जाता है. बाओबाब नाम का यह पेड़ अफ्रीकन कॉन्टिनेंट में पाया जाता है . इसकी हाइट चालीस फीट से लेकर एक सौ बीस फीट तक हो सकती है तथा चौड़ाई लगभग तीस फीट तक होती है. इसके अंदर एक लाख बीस हज़ार लीटर वाटर को स्टोर रखने की कैपेसिटी होती है जो इसको बारिश से प्राप्त होता है और रेगिस्तान में रहने वाले लोग इसके पानी का बहुत ज्यादा उपयोग करते हैं. यही नहीं पानी का एक अच्छा स्रोत होने के साथ-सा इसका एक और जबरदस्त फायदा है.
बाओबाब पेड़ एक रेगिस्तानी पौधा है. यह अपने तने और तनों में पानी जमा करके रेगिस्तान के अनुकूल बन जाता है. इससे उन्हें शुष्क मौसम की चिलचिलाती गर्मी में जीवित रहने में मदद मिलती है इसकी काफी बड़ी साइज होने के कारण पेड़ सुख जाने के बाद यहां के आदिवासी लोग इसे निवास के लिए भी उसे करते हैं और अगर हम इसको नुकसान ना पहुंचाएं तो यह लगभग पाँच हज़ार साल तक जी सकता है. ऐसे ही वीडियो के लिए हमसे जुड़े ।

दोस्तो आप सब को ये कहानी कैसी लगी मुझे कमेंट में जरूर बताये।


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