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Akbar birbal story in hindi || अकबर बीरबल की कहानी इन हिंदी || Akbar birbal stories

Akbar birbal story in hindi || अकबर बीरबल की कहानी इन हिंदी || Akbar birbal stories 


Akbar birbal story in hindi || अकबर बीरबल की कहानी इन हिंदी || Akbar birbal stories

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Creator: PANKAJ JAGYA Credit: Getty Images/iStockphoto

 akbar birbal story in hindi बुद्धि का कमाल

 Akbar birbal story in hindi-  बीरबल अकबर के नौ रत्नों में सेएक रत्न ही नहीं उसन के मित्र भी थे।  बादशाह अकबर अपने दरबारों की बुद्धि की परीक्षी लेने के समय-समयपर ऐसे कठिन प्रश्न करते रहते कि कोई उनका उत्तर नही दे पाता था। लेकिन बीरबल आसानी से उसका उत्तर दे देते थे। एक बार की बात है। सम्राट अकबर अपने दरबार में बैठे थे। Akbar birbal story in hindi अचानक उन्होंने अपने दरबारियों से पूछा- सबसे बड़ी वस्तु क्या है। यह सुनकर सभी दरबारी एक-दुसरे की और देखने लगे। सब ने इसका अलग-अलग उत्तर दिया। किसी ने धरती को तो किसी ने राजा का सबसे बड़ा बताया लेकिन अकबर किसी के बी उत्तर से संतुष्ट नहीं हुए। अंत में उन्होंने बीरबल से भी यह प्रश्न पूछा।

Akbar birbal story in hindi बीरबल ने मुस्कराकर उत्तर दिया- जहाँपनाह सबसे

 

बड़ी वस्तु बुद्धि है। बीरबल का उत्तर सुनकर बादशाह अकबर प्रसन्न हुए। उन्होंने

 

बीरबस से कहा- तुम्हारा उत्तर सुनकर हम प्रसन्न हुए। अच्छा, बताओ बुद्धि खाती

 

Akbar birbal story in hindi || अकबर बीरबल की कहानी इन हिंदी || Akbar birbal stories

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क्या है।

इस प्रश्न को सुनकर बीरबल चकरा गए। अकबर ने कहा, ठिक है हम तुम्हें एक सप्ताह का समय देते हैं। Akbar birbal story in hindi यदि तुम हमारे प्रश्न का उत्तर न दे पाये तो तुम्हे मंत्री पद से हाथ धोना पड़ेगा। 

Birbal ki Kahani 

birbal ki kahani- घर आकर बीरबल चिंता में डुब गए। उन्होंने बहुत सोचा, लेकिन वे इस प्रश्न का उत्तर नहीं खोच सके। इसी कारण वे ठीक से खा-पी भी नहीं रहे थै। birbal ki kahani उन्हों इसप्रकार चिंता में डूबा देखकर एक दिन उनके पुत्र गिरधर ने पूछा- पिता जी मैं देख रहा हूँ कि आप कई दिनों से चिंताग्रस्त है। कृप्या बताइए कि आपकी चिंता का क्या कारण हैं।

बीरबल पहले तो हिचकिचाए परंतु थोड़ी देर बार उन्होंने कहा, पुत्र तुमने ठीक पहचाना। मैं एक प्रश्न का उत्तर खोज रहा हूँ birbal ki kahani.

लेकिन मुझे उत्तर नहीं मिल रहा है।

यह कहकर बीरबल ने अकबर द्वारा पूछा गया प्रश्न गिरधर को बताया। प्रश्न सुनकर गिरधर खिलखिलाकर हँसा, फिर बोला पिताजी, बुद्दि चिंता खाती है। बुद्धिमान चिंतालीन रहते है birbal ki kahani तथा मूर्ख व्यक्ति मौजमस्ती करती है।

 

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 अकबर बीरबल की कहािनयां

अकबर बीरबल की कहािनयां- बीरबल ने अगले दिन दरबार में जाकर बादशाह को उनके प्रश्न का उत्तर सुनाया। उत्तर सुनकर बादशाह बहुत प्रसन्न हुए लेकिन अगला प्रश्न पूछ लिया,- बीरबल बुद्धि क्या पीती है इस प्रश्न के उत्तर के लिए तुम्हं फिर से एक सप्ताह का समय देते हैं।

बीरबल घर आकर फिर से चिंतामग्न हो गए। अकबर बीरबल की कहािनयां  गिरधर ने अपने पिता को चिंता में डूबे दिखकर उनकी चितां का कारण पूछा, बीरबल के बताने पर गिरधर ने कहा, बुद्धि क्रोध को पीती है।

अकबर बीरबल की कहािनयां  अगले दिन बीरबल ने अकबर से कहा, जहाँपनाह

 

बुद्धि क्रोध पीती है। बुद्धिमान लोग अपने क्रोध पर नियंत्रण रखते हैँ। जबकि

 

मुर्ख व्यक्ति अपने क्रोध पर काबु नहीं कर पाता जिससे उसे अनेक परेशानियों का

 

समाना करना पड़ता है।

बीरबल का उत्तर सुनकर बादशाह अकबर बहुत प्रसन्न हुए लेकिन बे बीरबल की बुद्धि की परीक्षा और लेना चाहते थे। अत उन्होंने बीरबल से कहा,- बीरबल, तुम्हें आखरी प्रश्न का उत्तर भी देना होगा,

Akbar Birbal stories 

akbar birbal stories- बीरबल ने कहा- जहाँपनाह आप प्रश्न पुछिए, मैं उत्तर देने की पूरी कोशिश करूँगा।

अकबर ने पुछा- बुद्धि करती क्या है? इसके लिए तीन दिन का समय दिया जाता है। घर जाकर बीरबल ने गिरधर को सारी बात बताई। सारी बात सुनकर गिरधर ने कहा, पिताजी, आप चिंता न करें। akbar birbal stories कल आप मुझे अपने दरबार में ले चलेंष बादशाह के पूछने पर उनसे कह दिजीए कि प्रश्न का उत्तर मेरा पुत्र देगा।

अगले दिन बीरबल गिरधर को लेकर दरबार में गए और अकबर से बोले, जहाँपनाह आपके प्रश्न का उत्तर मेरा पुत्र गिरधर देगा। akbar birbal stories आप उसी से पूछ लीजिए

बादशाह ने गिरधर को अपने पास बुलाया और पूछा, क्या तुम्हारे पास मेरे प्रश्न का उत्तर है गिरधर बोला, जी महाराज लेकिन एक समस्या है।

क्या समस्या है, अकबर ने पूछा, गिरधर ने कहा, महाराज समस्या क्या है कि प्रश्न हमेशा शिष्य पूछता है तथा उसका समस्या का समाधान गुरू करते हैं। आप प्रश्न कर रहे हैं तो शिष्यहुए तथा मैं आपकी शंका का समाधान कर रहा हूँ तो मैं गुरू हुआ। आप  एक शिष्य की भाँति प्रश्न पूछिए।

akbar birbal stories अकबर ने पूछा, शिष्य की भाँति से तुम्हारा क्या अर्थ है।

महाराज शिष्य हमेशा एक गुरू के सामने खड़े होकर प्रश्न पूछता है जबकि गुरू आसान ग्रहण करने के बाद उसका उत्तर देता है अत आप राजगद्दी से नीचे उत्तर आइए तथा मुझे आसन ग्रहण करने दिजिए।

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यह सुनकर बादशाह अकबर राजगद्दी से उतर गए तथा गिरधर राजगद्दी पर जाकर बैठ गया और अकबर से प्रश्न पुछने को कहा, अकबर ने पुछा. बुद्धि क्या करती है। गिरधर ने मुस्कराते हुए कहा, महाराज यह तो आपने स्वयं देख लिया कि बुद्धि क्या करती है।

Akbar Birbal ki story 

akbar birbal ki story अकबर आश्चर्य से कहा, हम कुछ समझ नहीं।

गिरधर ने कहा, महाराज बुद्धि किसी को भी राजगद्दी पर बैठा सकती है तथा किसी को भी उतार सकती है akbar birbal ki story इस प्रकार बुद्धि पर कोई भी व्यक्ति कठिन से कठिन कार्य कर सकात है गिरधर का उत्तर सुनकर अकबर बहुत प्रसन्न हुए उन्होंने गिरघर को बहुत सारे उपहार दिए।

 

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