स्वर्ग और नरक की कहानी | स्वर्ग और नरक में क्या अंतर है | प्रेरक कहानी
जीवन के बाद- स्वर्ग और नरक की कहानी
स्वर्ग और नरक की कहानी - आज मैं आप सब को एक बहुत ही शानदार कहानी सुनाता हूँ, ये कहानी खास कर उनके लिए है जो किसी और के नाम पर अपना व्यपार करते है इस कहानी से Negative Person के लिए एक अलग तरिके से सोचेगा, वे सोचेगा मेरा नाम का यूज करके बहुत कमा रहा है, स्वर्ग और नरक की कहानी मुझे कुछ नहीं मिल रहा है वही पर positive Person सोचेगा। कोई नही, मेरे पास जो भी बन्दे आयेगा, वे पुरे तरिक से Unique है स्वर्ग और नरक की कहानी जो हमारे व्यपार में सच में बहुत ज्यादा Interested है और वह बिना कुछ चाहेये अपना व्यपार करता रहेगा। तो देर न करते हुये कहानी शुरू करता हूँ
स्वर्ग और नरक का रास्ता-
स्वर्ग और नरक का रास्ता उसे याद आया की उसकी तो मौत हो चुकी है और उसका कुत्ता भी उसके साथ ही
था जो कि बहुत साल पहले ही मौत हो चुकी है, वह सोच मैं पड़ गया। वह सोचने लगा आखिर
ये सड़क मुझे कहाँ ले जा रही है।
दोनों चलते-चलते सड़क के किनारे एक बहुत ऊँची, सफेद पत्थर की दीवार के
पास पहुँच गए। वह सफेद दीवार संगमरमर के पत्थर से बनी हुई थी, उसने और देखा दिवार
के ऊपर एक बहुत बड़ा गुम्बद रखा हुआ है और वह सूरज के प्रकाश से चमक रहा था।
स्वर्ग और नरक का रास्ता जब वह उसके दरवाजे के पास जाकर खड़ा हुआ, तो देखा कि वहाँ का खूबसूरत
बड़ा दरवाजा ऐसा लगता था मानो सीपियों का बना हुआ हो और वहाँ तक जाने वाली सड़क
सोने की बनी हुई है।
आदमी और उसका कुत्ता आगे बढ़े तो देखा वहाँ पर यानि दरवाजे के पास एक
आदमी कुर्सी लगाये बैठा है। जब वे पास पहुँचे तो उसने पुकारा, माफ कीजिए!, “ये कौन सी जगह है?”
नरक में क्या होता है-
उस आदमी ने Reply
किया, “ये स्वर्ग है, सर!”
“वाह! क्या एक गिलास पानी मिलेगा?” उस आदमी से पुछा
“बिल्कुल सर, अन्दर
आइये। मैं अभी ठन्डे पानी का इंतजाम करता हूँ।”
नरक में क्या होता है, आदमी ने अपने कुत्ते की ओर इशारा कर के पुछा, “क्या मेरा कुत्ता भी अन्दर आ सकता है?”
“माफ कीजिए सर, लेकिन
यहाँ पर जानवरों का आना मना है।”नरक में क्या होता है
स्वर्ग में क्या होता है-
आदमी पलटा और वह जिस रास्ते से आया था वह उसी रास्ते चल पड़ा।
काफी दूर चलने के बाद वो एक औऱ ऊँची पहाड़ी के पास पहुंचे. वहाँ से एक
कच्ची सड़क एक फार्म के बड़े दरवाजें तक जा रही थी, (स्वर्ग में क्या होता है) जो ऐसा जान पड़ता था मानो कभी
बंद ही हुआ न हो।
दरवाजे के पास उसे एक आदमी दिखाई दिया, जो कुर्सी पर नहीं, एक पेड़ के
सहारे बैठ कर किताब पड़ा रहा था।
आदमी ने पाठक को आवाज लगाई,
“माफ कीजियेगा! क्या पानी मिलेगा?”
(स्वर्ग में क्या होता है)उस आदमी ने एक और इशारा किया जो बाहर से हमारे आदमी को नहीं दिखा
कहाँ, पर उसने कहा, “हाँ, जरूर, वहाँ पंच लगा हुआ है। अन्दर आ जाओ।”
आदमी ने अपने कुत्ते की और इशारा करते हुए पूछा, “मेरे दोस्त को भी
इजाजत है?”
मुसाफिर ने बर्तन भर कर पानी पिया, और फिर अपने कुत्ते को दिया। आदमी
के पास आ गए जो पेड़ के पास उनका इंतजार कर रहा था।
“ये कौन सी जगह है?” मुसाफिर ने पुछा।
जवाब आया, “ये स्वर्ग है।”
स्वर्ग और नरक में क्या अंतर है-
मुसाफिर ने कहा, “मैं कुछ हैरान हूँ।
सड़क पर पहले भी एक जगह थी जिसके लिए वहाँ वाले आदमी ने कहा वह स्वर्ग है।”
“और, आपका मतलब वो
सोपियों वाला दरवाजा और सोने की सड़क? वो नर्क है।”
“आपको गुस्सा नहीं
आता कि वे आपके नाम का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं?”
“नहीं, पर मैं समझ
रहा हूँ आप क्या सोच रहे हैं, मगर हम बस खुश है कि हमारे लिए छटनी कर देते हैं, और
ऐसे लोग हम तक नहीं आते जो अपने दोस्तों को पीछे छोड़ आएँगे।”
स्वर्ग और नरक की कहानी | स्वर्ग और नरक में क्या अंतर है | प्रेरक कहानी
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