Power of sacrifice-त्याग की ताकत-Hindi Motivation Inspiration story
हेलो Friends आज मैं आप सब को बहुत ही शानदार story share करने वाला हूँ आप
सब जानो गे की त्याग की ताकत क्या होती है? क्या इंसान त्याग करके एक बड़ा इंसान बन सकता है? और क्यो त्याग करके हम अमीर बन सकते है? आखिर क्या त्याग में सच में इतनी ताकत होती है? आप सब इस story से इन सब प्रश्नों
के उत्तर जानने वाले हो।
Power of sacrifice-त्याग की ताकत-Hindi Motivation Inspiration story
ये story एक बहुत ही सुन्दर गाँव की है जिस गाँव में एक
बहुत ही सुन्दर परिवार रहता था जिस परिवार में हमारे इस story के नायक के माँ-बाप और हमारा नायाक रहता था
हमारे नायक का नाम Shravan था। Shravan अपने
माँ-बाप से बहुत प्यार करता था। Shravan को पाँच साल की
उम्र से Hermitage में भेज दिया। जब Shravan 15 साल का हुआ तो Shravan के माता-पिता की अचानक मृत्यु हो गयी। ये सुनकर Shravan के ऊपर दुख का पहाड़ टुट गया। Shravan ने Hermitage को
छोड़ दिया और वह घर पर ही उदास-उदास रहने लगा। समय गुजरता रहा। Shravan के घर में खाने के सामान भी खत्म होने लगे। अब
वह काम की खोज में बाहर निकलने लगा। वह दिन भर काम करके जो भी पैसा कमाता। उससे
खाने का अनाज ले कर आता। इसी तरह धीरे- धीर सब कुछ ठीक ठाक ही चल रहा था लेकिन
खुदरत को कहाँ मंजूर था। कि Shravan आसानी से अपनी
जिन्दगी जी ले। एक दिन Shravan ने रात के समय 5 रोटीयाँ बनायी। और वह रोटी
बनाने के बाद रख दिया, वह हाथ पैर धोने के लिए बाहर गया। वह जैसे आया रोटी खाने के
लिए थाली में निकाला तो। उसने देखा उसमें 4 रोटी ही है,वह समझ ही नहीं पाया कैसे
हुआ, अगले दिन उसने 4 रोटी बनायी, तो उसे 3 रोटी ही मिली, फिर अगले दिन उसने 3
रोटी बनायी, तो 2 रोटी मिली। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर कैसे हो रहा है ये
इससे पहले तो कभी भी नहीं हुआ था। फिर उसने अगले दिन उसने कोई भी रोटी नहीं बनायी।
वह ताक लगाये बैठ गया कि आज तो इस रहत्य को जानकर रहूँगा। कि आखिर कौन हो जो मेरी
रोटी को रोज चुरा ले जा रहा है। और मुझे पेटभर खाने को नहीं मिलता है, उसने देखा
वहा पर एक चुहा आया, वह चुहा बर्तन के पास गया इधर उधर ढुँढने लगा। इसने में Shravan ने चुहे को पकड़ लिया, चुहा आपने को छुड़ने लगा।
Shravan ने कहा तुम ही हो जो रोज मेरी रोटी को चुराकर ले
जाते हो और मुझे भुखा रहना पड़ता है चुहे ने कहा, “भैया,
एक ही रोटी तो मेरी जिन्दगी में आती है जिससे मै अपने परिवार को पेट भर पाता हूँ
कम-से-कम वह तो न छिनों।”
Shravan ने कहा, “तुम्हारी वजह से ही भूखा रहना पड़ा है, मेरी
जिन्दगी में पहले से ही इतनी सारी परेशानिया है जिससे मैं फेस करके बहुत परेशान
रहता हूँ ऊपर से रात को खाकर, आराम से सोना चाहता हूँ तो तुम मेरी रोटी चुरा ले जा
रहे हो।” इतना कहकर चुहे को छोड़ दिया, और फिर कहने लगा
कि, पता नहीं कम मेरी जिन्दगी में खुशहाली आयेगी, न जाने कब में बहुत खुश रह
पाउँगा। चुहे ने उसकी बात को ध्यान से सुना और बोला, “तुम्हारी समस्या का सिर्फ एक ही इंसान दूर कर
सकता है” Shravan कहता
है, “कौन है” चुहे ने कहा, “Matang Rishi” Shravan ने
कहा, “कहाँ मिलेगें वो,” चुहे
ने कहा, “यहाँ से उत्तर दिशा में हिमालय को पर्वत पार करके
और कई सारी नदियों को पार करोगें तो तुम्हे Matang Rishi का Hermitage मिलेगा, वहाँ तुम आपने प्रश्नों को उत्तर जान
सकते है। और वह ही है जो तुम्हारी जिन्दगी का उधार कर सकते है।” Shravan चुहे
की बात को मान गया।
अगले दिन Shravan सुबह उठा, और अपना खान-पीना लेकर Matang Rishi से मिलने के लिए निकल पड़ा। Shravan उत्तर दिशा में आगे बढ़ता हुआ चलता जा रहा था
जैसे चुहे ने उसे बताया था। धीरे-धीरे शाम होने लगी थी वह रास्ते में एक बहुत बड़े
राजमहल के पास पहुँचा। वह उस राजमहल में रात रुकने के लिए इजाजत माँगी। राजमहल की
रानी ने उससे आदेश दे दिया, कि तुम रात रूक सकते हो। वह राजमहल में आराम किया और
सुबह उठा फिर तैयार होने लगा, अपने लक्ष्य पर जाने के लिए, Queen Mother से permission लेने
के लिए गया। तो Queen
Mother ने पुछा, “बेटा
आखिर जा कहा रहे हो,” तो Shravan ने कहा, “मैं Matang Rishi से मिलने जा रहा
हूँ” Queen Mother ने
कहा, “ये तो बहुत अच्छी बात है, क्या तुम मेरा एक
प्रश्न पुछ सकते है?” Shravan
ने कहा, “क्या प्रश्न है राज
माता आपका” Queen Mother ने कहा, “मेरी एक बेटी है
जिसकी उम्र 22 साल है, जो दिखने में बहुत सुन्दर है, कामकाज करने में बहुत अच्छी
है उसका एक व्यवहार बहुत अच्छा है लेकिन एक समस्या है कि वह बोल नही पाती है क्या
तुम Matang Rishi से पुछ सकते हो कि मेरी बेटी कब बोलेगी?” Shravan ने कहा जरूर Queen Mother।
इतना कह कर वह वहाँ से Matang Rishi के Hermitage की ओर चल पड़ा। वह चलते-चलते एक बहुत बड़े पर्वत
यानि हिमालय के पास पहुँचा जो दिखने में बहुत बड़ा है। वह जैसे ही हिमालय के पास
पहुँचा तो वहा पर एक तंत्रिक तपस्या कर रहा था। Shravan वह
पहुँचने के बाद Tantric से प्रणाम किया। Shravan ने Matang Rishi के Hermitage जाने
का रास्ता पुछा, Tantric ने कहा, “अगर तुम मेरे एक
प्रश्न का उत्तर Matang Rishi से पुछोगें तो मैं तुम्हे रास्ता भी बताउँगा और
साथ में हिमालय के उस पार भी कर दूँगा।”
Power of sacrifice-त्याग की ताकत-Hindi Motivation Inspiration story
Shravan ने
कहा, “अगर तुम मुझे इस पर्वत के उस पार कर सकते हो, तो
तुम खुद क्यों नही Matang
Rishi से अपने प्रश्न का उत्तर पुछ लेते?” Tantric ने कहा, “अगर मैं ऐसा करूँगा
तो मेरी तपस्या भंग हो जायेगी।” Shravan ने कहा क्या प्रश्न है आपका, “Matang Rishi से पुछना,कि मुझे ज्ञान कब प्राप्त होगा?” Shravan ने
कहा, “ठीक है” Tantric ने फिर
Shravan को अपने Tantric जादू
से पर्वत के उस पार पहुँचा दिया। Shravan फिर
आगे बढ़ने लगा, रास्ता बहुत कठिन था, बहुत छोटे-बड़े पत्थर रास्ते में आ रहे था।
वह आगे बढ़ता रहा। और वह अन्त में एक बहुत बड़े नदी के पास पहुँचा। जिससे देखकर Shravan का दिल दहल गया, वह सोचने लगा इस नदी को कैसे
पार करूँगा। वह धीरे-धीरे नदी के पास जा पहुँचा। वहाँ पर देखा नदी के किनारे एक
बहुत बड़ा turtle बैठा हुआ था Shravan ने उस turtle से मदद माँगी, क्या तुम मुझे नदी पार करा सकते
हो, turtle राजी हो गया वह Shravan को
अपने पीठ पर बैठा लिया, और धीर-धीर नदी को पार करने लगा, रास्ते में ही कछुये ने
पुछा कहाँ जा रहे हो आप, Shravan ने कहा, “Matang Rishi से मिलने जा रहा
हूँ” कुछये ने कहा, “क्या
तुम मेरा एक प्रश्न पुछ सकते हो?” Shravan ने कहा जरूर, “क्या प्रश्न है? आपका” कछुये ने कहा, “ऐसी
मान्यता है इस नदी की, कि जो turtle 500 सालो तक इस नदी
में रहेगा, वह Dragon बन सकता है, और मुझे इस नदीं में 500 साल से
ज्यादा हो गया लेकिन मैं Dragon नहीं बन पाया हूं, तो तुम सिर्फ इतना पुछ लेना
कि मैं Dragon कब बनुँगा?”
turtle ने Shravan का नदी पार करा दी। Shravan ने turtle से कहा
ठीक है।
Shravan Matang Rishi के Hermitage में
पहुँच गया लेकिन रात होने वाली थी। Shravan का Hermitage के शिष्यो ने स्वागत किया और खाने को दिया, और
रात बिताने के लिए जगह दी। Shravan ने पुछा Matang Rishi से कब मुलाकात होगी। शिष्यों ने कहा, “उनके मिलने का समय सुबा है तुम आराम करो,” सुबा हुयी Shravan की
मुलाकात Matang Rishi से हुयी, Shravan ने Matang Rishi को प्रणाम किया, और Matang Rishi ने Shravan को
बैठने के लिये बोले, कि बैठ जाओ, Shravan के कुछ
पुछने से पहले ही Matang Rishi ने Shravan के
सामने शर्त रख दी, Matang
Rishi बोले, “पुत्र, तुम मुझे कोई तीन सवाल पुछ सकते हो।” Shravan सोच
में पड़ गया कि क्या करूँ, मै अपने प्रश्न का जबाव माँगू, या फिर उनके जिन्होंने
मेरी मदद की यहा तक पहुँचने के लिए। Shravan का
दिमाग कह रहा था कि वह अपने प्रश्न पुछे, लेकिन दिल कह रहा था कि मुसीबत के समय
में जिन्होंने मेरी मदद की उनका प्रश्न पुछे। अन्त में Shravan ने दिल की बात सुनी।
Shravan ने
पहला प्रश्न किया, “उस राजमहल की Queen Mother की बेटी कब बोलेगी?”
Rishi- जब उसकी शादी हो
जायेगी, तब वह बोलने लगेगी।
Shravan- उस Tantric को मोक्ष कब मिलेगा?
Rishi- जब वह अपनी
तांत्रिकियें जादू जब दूसरे को दे देगा, तो उसे मोक्ष मिल जायेगा।
Shravan- वह
कछुये, कब Dragon बनेगा?
Rishi- जिस दिन वह अपनी
कवच उतार देगा, उस दिन वह Dragon बन जायेगा।
Shravan इस सभी
प्रश्नों के उत्तर जानकर बहुत प्रसन्न हुआ, वह गुरू के पाँव को स्पर्श किया और
प्रणाम किया, फिर उस जगह से प्रस्थान किया।
रास्ते में नदी के पास वह turtle मिला।
कछुये- क्या आप मेरे प्रश्न का उत्तर लेकर आये।
Shravan- Matang Rishi ने कहा, “जब तुम अपनी कवच को
उतार देगें, तो तुम Dragon बन जाओगें।” कुछ देर न करते
हुये, वह अपने कवच को उतारने लगा, और उस कवच से ढेर सारे सोने,चाँदी, हीरे और मोती
गिरने लगे। और कछुये ने जैसे पुरा कवच उतारा, वैसे एक बहुत तेज से प्रश्न चमका, और
वह turtle Dragon बन
गया।
Dragon ने
कहा, Shravan तुम सारे हीरे, मोती, सोने और चाँदी लेकर मेरे
पीठ पर बैठ जाओ, मै नदी तुम्हें पार करा देता हूँ, Shravan बहुत
प्रसन्न हुआ, साथ में वह turtle भी जो अब Dragon बन
चुका है। उस Dragon ने Shravan को उस Tantric के Hermitage के पास
छोड़ दिया और वहाँ से Shravan को प्रणाम करके प्रस्थान किया।
Shravan उस Tantric के पास पहुँचा।
Tantric- क्या
तुम मेरे प्रश्न का उत्तर लगे?
Shravan- आप जब
अपने तांत्रिकियें जादू को दूसरे को दे दोगें, तो तुम्हे मोक्ष मिल जायेगा। ऐसा Matang Rishi ने कहा।
Tantric- मै
कहा जाऊंगा, किसी और को ढूँढने जिसको मैं ये जादू दे सकूँ, तुमसे अच्छा कोई नहीं
है मैं ये सब जादू तुम्हे दे दूँगा
Tantric ने सब
जादू Shravan को दे दिया, और Tantric को
मोक्ष मिल गया।
अब Shravan को जादू मिल गया था, इसलिए वह उड़कर राजमहल
पहुँच गया। वह Queen
Mother के पास पहुँचा, और प्रणाम किया।
Queen Mother- क्या
तुम मेरे प्रश्न का उत्तर लेकर आये हो?
Shravan- Matang Rishi ने कहा है कि जब आप की बेटी की शादी होगी तब वह
बोलने लगेगी।
Queen Mother- अब
मैं अपने बेटी के लिए लड़का कहा से ढूँढ़ कर लेकर आऊँगा। तुमने मेरी इतनी मदद की
है तो तुम्हे अच्छा लड़का कोई नहीं है।
Queen Mother ने Shravan का विवाह अपने प्रिये बेटी से करवा दिया, जैसे
ही Queen Mother की बेटी की शादी हुयी वह बोलने लगी।
Queen Mother ने Shravan को अपने ही राजमहल में रहने के लिए बोला। Shravan ने माता- मैं एक और दोस्त से मिलने जाना है। फिर
मैं वापस आ कर रहूँगा।
Shravan आपनी
पत्नी के साथ राजमहल के वाहन में सवार हो कर अपने गाँव पहुँचा, सभी लोग Shravan को देखकर आश्चर्यचकित हो गये कि Shravan इतना बड़ा आदमी कैसे बन गया। Shravan अपने घर पहुँचा, और फिर प्रसन्न होकर, चुहे को
बुलाया। और चुहे के बहुत- बहुत धन्यवाद बोला, और कहा, “आज से तुम मेरी परिवार का हिस्सा हो, तुम्हारी
वजा से मेरी जिन्दगी बदल गयी है इसलिए मै
तुम्हें लेने आया हुँ आज से तुम हमारे साथ राजमहल में रहोगे, चुहे के लिए Shravan ने एक बहुत ही शानदार घर बना दिया।” और उसके खाने के लिए सब कुछ समय-समय पर देने
लगे।
Friends, यह story हमें बहुत कुछ सिखाती है
कभी Shravan के पास कुछ नही था लेकिन आज उसके पास धन, दौलत,
सौहरत, इज्जत,परिवार, ताकत और बहुत कुथ मिला। ये सिर्फ इसलिए क्योंकि Shravan ने अपने प्रश्नों को त्याग दिया और वह अपने से
पहले दूसरे के बारे में सोचा और दिल से काम लिया।
और यही हमारे लिए भी काम करता है, क्योंकि यही जीवन में कामियाब होने
को सबसे अच्छा फार्मूला है। ये मत पुछिये कि दुसरों ने मेरे लिए क्या किया, बल्कि
ये पुछिए की दुसरो के लिए मैंने क्या किया है।
जब आप निस्वार्थ भाव से अपने से पहले दुसरे की मदद करोगें और दूसरों
के लिए अपनी इच्छा को त्याग करोगें तो खुदरत भी आप के जीवन में भी बहुत बड़ा
चमत्कार करेगा। और दूसरों से ज्यादा धन, दौलत, और खुशियाँ देगा।
Friends आप को
ये प्रेरक story कैसी
लगी मुझे कमेंट बाँक्स में जरूर बताये।
ऐसी ही कहानियाँ पढ़ने के लिए हमारे बेवसाइट को Subscribe करो।
धन्यवाद।
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